विशाखासमीर मशानकर

विशाखासमीर मशानकर
"विश्वत" माझे पहिले पुस्तक

Wednesday, April 20, 2011

दर्शन दे !!


2 comments:

  1. khupach chhan
    kavita tar chhan astech pan mala tu background je ghetes na mhanje photo etc. khupach awadta...
    kautuk aahe tujh :))

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  2. लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,
    मुझे तो प्यार हैं सब से,
    पर, पता नही कितने प्यार करते हैं मुझसे,
    जाते जाते समय की रेत पर,
    कुछ निशान छोड़ कर जाऊंगा,
    दुनिया याद करे ऐसी पहचान ,
    बन कर दिखाऊंगा,
    मै हर दिल मे, याद बनके ज़िंदा रह जाऊंगा,
    मै हर दिल मे, याद बनके ज़िंदा रह जाऊंगा।
    कृपया आप मुझे जोड़े ... मैं रिक्वेस्ट नहीं कर पा रहा हु आप रिक्वेस्ट भेजें !

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